जेम्स एंडरसन ने लार्ड्स टेस्ट के दौरान भारतीय टीम और इंग्लैंड के बीच हुए कहा सुनी और मानसिक टकराव के बारे में ख़ुलासा किया है कि उस दौरान उनकी टीम क्या सोच रही थी और इसके बारे में वो क्या राय रखते हैं।
बीबीसी में अपने पॉडकास्ट के दैरान बात करते हुए एंडरसन ने कहा कि भारतीय टीम ने पांचवें दिन अपने भावनाओं का बढ़िया इस्तेमाल किया और इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने 151 रनों से मैच को जीत लिया। भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच तीसरे दिन से ही लगातार माहौल गर्म था, ख़ास कर के तब जब तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह ने एंडरसन के ख़िलाफ़ शरीर पर गेंदबाज़ी करना शुरू कर दिया था।
एंडरसन ने कहा कि इंग्लैंड के गेंदबाज़ो का उद्देश्य बदला लेने के बजाय भारत को ऑल आउट करना था लेकिन भारतीय टीम ने इसे ग़लत नज़रिए से देखा। ख़ास कर के तब जब दूसरी पारी में बुमराह बल्लेबाज़ी करने आए तो सबको लगा कि वह उनके ख़िलाफ़ बदले की भावना के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं। एंडरसन ने कहा कि वह कहीं से भी भावानत्मक दृष्टिकोण से गेंदबाज़ी नहीं कर रहे थे।
"हम गेंदबाज़ी के आधारभूत प्रक्रिया को फ़ॉलो कर रहे थे। हम अपना पूरा ध्यान विपक्षी टीम के बल्लेबाज़ों को आउट करने में लगा रहे थे," एंडरसन ने कहा।
"वे (भारतीय टीम) खेल में भावनाओं का अलग तरह से उपयोग करते हैं। हमें उनकी इस बात पर आने वाले तीनों मैचों में पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि वो इस चीज़ का गेम को अपने पक्ष में धकेलने के लिए काफ़ी अच्छे तरीके से उपयोग करते हैं।"
हालांकि एक पक्ष यह भी है कि जब बुमराह और मोहम्मद शमी बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब भी ज़ुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही थी। मार्क वुड जिस तरीक़े से लगातार बाउंसर गेंद फेंक रहे थे, उससे तो यह प्रतीत हो रहा था कि कहीं ना कहीं बुमराह से बदला लेने के नज़रिए से गेंदबाज़ी की जा रही थी। हालांकि दोनों बल्लेबाज़ों ने इस तरह की गेंदबाज़ी का डट कर सामना किया। यहीं से मैच भारत के पक्ष में झुकने लगा था।
मंगलवार को टेलीग्राफ़ अख़बार के लिए अपने कॉलम में एंडरसन ने बुमराह के ओवर के दौरान अपने और कोहली के बीच कही गई बातों का ख़ुलासा किया।एंडरसन ने लिखा कि जब वह तीसरे दिन बल्लेबाज़ी कर रहे थे तो कोहली ने उनसे कहा, "आप इस गेंदबाजीं का आनंद नहीं ले सकते हैं?" जिस पर एंडरसन ने जवाब दिया, "ज़ाहिर तौर मैं इसका आनंद नहीं ले रहा हूं"। एंडरसन ने यह भी कहा कि वैसे उन्होंने कई गेंदबाज़ों का सामना किया है लेकिन बुमराह के उस ओवर जितना भयावह ओवर पहले शायद ही कभी खेला हो।
एंडरसन ने आगे लिखा, "मैं वास्तव में आउट नहीं होने की कोशिश कर रहा था। मैं अंत में ग़ुस्से में था। भावना मुझ पर हावी हो गई और मुझे लगा कि मुझे कुछ कहना चाहिए। बाद में मुझे लगा कि ऐसा कर के मैने सही नहीं किया क्योंकि कहीं ना कहीं ध्यान (जो) रूट की शानदार पारी हट कर, मेरी तरफ़ आ गया।