ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के कोच मैथ्यू मॉट ने माना कि ख़राब गेंदबाज़ी और छूटे हुए कैचों के चलते पिंक बॉल टेस्ट में भारत पहले ही घंटे से ऑस्ट्रेलिया पर हावी रहा। उन्होंने कहा, "हमें पता था कि भारतीय टीम एक कड़ी चुनौती पेश करेगी। फिर भी पिच पर हरियाली देख कर और टॉस जीत कर हम काफ़ी उत्साहित थे। हमारे पास अच्छे तेज़ गेंदबाज़ भी थे लेकिन हमने पहले घंटे में थोड़ी अनुशासनहीनता दिखाई और वहां से भारत ने मैच पर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली थी।"
मुक़ाबले के ड्रॉ ख़त्म होने पर मौसम का बड़ा योगदान था और पहले दोनों दिन ऑस्ट्रेलिया को फ़्लडलाइट्स में गेंदबाज़ी करने का एक भी मौक़ा नहीं मिला। कप्तान मेग लानिंग के पहले गेंदबाज़ी करने के फ़ैसले की भी आलोचना हुई लेकिन मॉट के अनुसार उनका निर्णय सही था। मॉट ने कहा, "मुझे लगा भारत ने शानदार बल्लेबाज़ी की। स्मृति मांधना ने एक यादगार पारी खेली और वहीं हम मैच में पिछड़ गए। भारत ने हमें दबाव में डालने का अधिकार पा लिया। हमने पहली पारी में लगभग आठ कैच छोड़े लेकिन इसका यह भी मतलब है कि हमारे गेंदबाज़ों ने यह मौक़े बनाए।"
आख़िरी दिन के पहले सत्र में जब एलिस पेरी के साथ ऐश्ली गार्डनर क्रीज़ पर बनी रहीं तो ऐसा ज़रूर लगा था की ऑस्ट्रेलिया फ़ॉलो-ऑन को आसानी से बचा लेगा। लेकिन दूसरी नई गेंद से मेघना सिंह ने मैच का रुख़ पलट दिया और जब जॉर्जिया वेयरहम को पूजा वस्त्रकर ने आउट किया तब ऑस्ट्रेलियाई टीम के आठ विकेट गिर चुके थे और उन्हें भारत को फिर बल्लेबाज़ी करवाने के लिए पांच रन और चाहिए थे।
मॉट ने कहा, "हम दबाव में ज़रूर आ गए थे लेकिन हमने लड़ना नहीं छोड़ा। फ़ॉलो-ऑन बचाना काफ़ी ज़रूरी था और पेरी ने फिर दिखाया कि वह कुशलता के साथ-साथ एक साहसी खिलाड़ी हैं और उनकी मिसाल से हमारे खिलाड़ी बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने दिखाया कि टेस्ट के प्रारूप में आपको हर गेंद को खेलने की ज़रूरत नहीं पड़ती। लेकिन भारत ने इतना दबाव बनाया कि हमारे बल्लेबाज़ों ने फिर भी गेंदों से छेड़खानी की।"
ऑस्ट्रेलिया के टीम में चार खिलाड़ी डेब्यू पर थे। स्टेला कैंपबेल और ऐनाबेल सदरलैंड ने प्रभावशाली तेज़ गेंदबाज़ी की और लेगस्पिनर वेयरहम ने मैच ड्रॉ होने से कुछ देर पहले अपने टेस्ट जीवन का पहला विकेट लिया। मॉट का कहना था, "जॉर्जिया को हम ज़्यादा ओवर्स नहीं दे पाए लेकिन कुछ हद तक इसकी वजह मैच में रुकावटें भी थी। डार्सी ब्राउन भी इस प्रारूप में बेहतर हो सकती हैं। स्टेला ने भी दिखाया कि वह पिछले साल में कितनी बेहतर गेंदबाज़ी करने लगी हैं और ऐनाबेल ने पहली पारी में बढ़िया गेंदबाज़ी की। जो कुछ हमने पहले घंटे में ग़लत किया था उसे सुधारते हुए उन्होंने अच्छा उदाहरण पेश किया।"
लानिंग के पास गेंदबाज़ी के आठ विकल्प थे और कभी-कभी ऐसा ज़रूर लगा कि शायद ऑस्ट्रेलिया एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ और खिला सकता था। लेकिन मॉट ने स्पष्ट किया कि टीम चयन के पीछे खिलाड़ियों के कार्यभार को संभालने की सोच रही थी। ऑस्ट्रेलिया का अगले टेस्ट ऐशेज़ के तहत जनवरी में इंग्लैंड के विरुद्ध होना है और तब तक मेगन शूट, रेचल हेंस और जेस जोनासन उपलब्ध होने चाहिए।