दिल्ली और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफ़ी मैच गुरूवार सुबह 9.30 बजे से शुरू होने वाला था, लेकिन कुछ फ़ैंस सुबह 5 बजे से ही गेट पर लाइन लगाकर खड़े हो गए थे। उन्हें डर था कि अगर वे लाइन में आगे नहीं रहेंगे, तो DDCA द्वारा खोले गए सीमित स्टैंड्स में उन्हें जगह नहीं मिल पाएगी और वे अपने फ़ेवरिट खिलाड़ी विराट कोहली को देखने से वंचित रह जाएंगे। ये फ़ैंस ना सिर्फ़ दिल्ली NCR बल्कि आस-पास के राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और राजस्थान से भी आए थे।
बुधवार की सुबह जब यह रिपोर्टर अन्य रणजी मैचों की तरह सुबह नौ बजे अरूण जेटली स्टेडियम के सबसे क़रीब दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा, तो नज़ारा अन्य रणजी मुक़ाबलों से बिल्कुल अलग ही था। मेट्रो के अंदर से लेकर बाहर तक IPL मैचों की तरह ही भीड़ थी और 'कोहली-कोहली...RCB-RCB' के नारे लग रहे थे।
मेट्रो में ही रिपोर्टर की मुलाक़ात तेजस और निर्वाण नाम के दो लॉ स्टूडेंट्स से हुई, जो हरियाणा के सोनीपत के जिंदल विश्वविद्यालय से आए थे। जब रिपोर्टर ने उनसे सवाल पूछा, 'कोहली को देखने आए हो?, तो तेजस ने मज़ाक करते हुए कहा, 'नहीं भाई, हम रेलवे टीम को सपोर्ट करने आए हैं।' इसके बाद दोनों दोस्त खिलखिलाकर हंस पड़े। निर्वाण ने हंसते हुए ही बताया, "हम यहां बस विराट कोहली को देखने आए हैं, रणजी मैच देखने के लिए क्लास कौन बंक करता है।"
मेट्रो से बाहर निकलने पर भीड़ की तादाद कई गुनी बढ़ चुकी थी। हज़ारों की संख्या में दर्शक गेट नंबर 15 और 16 के सामने खड़े थे और गेट खुलने का इंतज़ार कर रहे थे। जब गेट नहीं खुला और फ़ैंस की संख्या बढ़ने लगी, तो थोड़ी देर के लिए एक भगदड़ भी हुई और कुछ लोग भीड़ में गिर भी गए। हालांकि पुलिस और दर्शकों ने आपसी सूझबूझ से इसे तुरंत नियंत्रित कर लिया और किसी को कोई चोट नहीं आई।
इस भीड़ में युवा, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं, विद्यार्थी, नौकरीपेशा, क्रिकेट सीख रहें अकादमी के लड़के-लड़कियां सभी थे। नोएडा के रहने वाले विजय शर्मा अपनी दफ़्तर से छुट्टी लेकर इस मैच के लिए आए थे, ताकि वह अपनी दोनों बेटियों और पत्नी को उनके सबसे फ़ेवरिट क्रिकेटर विराट कोहली को खेलता हुआ दिखा सके। हालांकि गेट पर भीड़ देखकर वह थोड़े सजग थे और भीड़ छटने का इंतज़ार कर रहे थे।
Vijay ji's daughters are big fans of #ViratKohli and they want to see just a glimpse of his hero.#RanjiTrophy #DRLvRLY pic.twitter.com/GPRxNSlJar
— Daya sagar (@sagarqinare) January 30, 2025
मैच से आधा घंटा पहले सुबह 9 बजे जब गेट नंबर 15 और 16 खुला तो लगभग 6500 की क्षमता वाला गौतम गंभीर स्टैंड पलक झपकते ही भर गया। इसके बाद फिर से गेट के बाहर भीड़ ज़मा होनी शुरू हो गई। इसलिए दिल्ली पुलिस ने DDCA के अधिकारियों को एक और स्टैंड खोलने की सलाह दी, जिसके कारण बिशन सिंह बेदी स्टैंड को भी खोलना पड़ा। इस स्टैंड के खुलने के बाद ही पूरे दर्शक अंदर स्टेडियम में घुस पाए।
This is insane. I have never seen a Ranji match like this.#ViratKohli #RanjiTrophy pic.twitter.com/XiTYyCwGMa
— Daya sagar (@sagarqinare) January 30, 2025
दिल्ली के कप्तान आयुष बदोनी ने टॉस जीतकर पहले फ़िल्डिंग का फ़ैसला किया और जब कोहली पहली बार दर्शकों के सामने आए, तो पूरा स्टेडियम 'कोहली, कोहली, RCB, RCB' के नारों से गूज उठा। कोहली ने भी उन्हें निराश नहीं किया और हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन किया। इसके बाद वह स्लिप में खड़े होकर, गली की तरफ़ खड़े अपने युवा कप्तान बदोनी को लगातार सलाह भी देते नज़र आए।
दिन के 11वें ओवर के दौरान एक दर्शक बैरिकेडिंग और पुलिस सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए कोहली तक पहुंच आया और उनके पैर छुए। इसके बाद मैदान के बाहर के साथ-साथ मैदान के भीतर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई और स्पेशल फ़ोर्स के लोगों को बाउंड्री के किनारे तैनात किया गया। चूंकि सेना के ये लोग किसी क्रिकेट मैच के लिए प्रशिक्षित नहीं थे, इसलिए कई बार बाउंड्री लाइन पर घूमते हुए वे साइट स्क्रीन के सामने भी पहुंच जा रहे थे, जिससे दो-तीन बार रेलवे के बल्लेबाज़ों को परेशानी भी हुई और खेल भी रूका।
पहले सत्र के दौरान ही जब रेलवे की आधी टीम 66 रन के स्कोर पर पवेलियन में थी, तो दर्शकों को एकबारगी लगा कि वह कोहली को दिन के दूसरे हिस्से तक बल्लेबाज़ी करता हुआ भी देख सकते हैं। लेकिन उपेंद्र यादव और कर्ण शर्मा के बीच हुई 33 ओवरों की 104 रनों की साझेदारी ने इन संभावनाओं पर पानी फेर दिया। टी से ठीक पहले नवदीप सैनी ने लगातार गेंदों पर जब दो विकेट लिए, तो फिर से इस संभावना ने ज़ोर दिया। लेकिन एक बार फिर से एक अर्धशतकीय साझेदारी हुई और कोहली की बल्लेबाज़ी की संभावना धूमिल होती गई।
जैसे-जैसे कोहली की बल्लेबाज़ी की संभावना धूमिल होती जा रही थी, वैसे-वैसे दर्शक भी स्टेडियम में कम होते गए और दिन के अंत तक दर्शकों की संख्या लगभग आधी हो गई। हालांकि शुक्रवार सुबह फिर से इसी तादाद में दर्शक यह मैच देखने के लिए स्टेडियम आ सकते हैं क्योंकि दिल्ली का एक विकेट गिरते ही उनका सबसे फ़ेवरिट क्रिकेटर उनके सामने बल्लेबाज़ी करता हुआ दिखेगा।
तब शायद एक बार फिर से कोटला में गूंजेगा...'कोहली-कोहली...RCB-RCB…